डायरेक्ट या रेगुलर म्यूचुअल फंड (Direct Ya Regular Mutual Fund) – कौन सा प्लान बेहतर है?

क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप निवेश के बारे में सोचते हैं, तो आपके सामने दो मुख्य विकल्प होते हैं – डायरेक्ट म्यूचुअल फंड या रेगुलर म्यूचुअल फंड?

यह चुनौतीपूर्ण स्थिति कई निवेशकों के लिए हो सकती है। किसे चुनना चाहिए? आपकी वित्तीय लक्ष्यों, समझ, और निवेश की स्थिति के आधार पर यह निर्णय आपके निवेश की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस लेख में, हम आपको डायरेक्ट म्यूचुअल फंड और रेगुलर म्यूचुअल फंड के बारे में विस्तार से बताएंगे ताकि आप अपने निवेश के लिए सही दिशा-निर्देशन पा सकें।

हम आपको इन दोनों विकल्पों की विशेषताओं, लाभों, और हानियों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे जिससे आप अपनी वित्तीय साक्षरता में वृद्धि कर सकेंगे।

क्या डायरेक्ट म्यूचुअल फंड आपके निवेश की सही चुनौती है, या क्या रेगुलर म्यूचुअल फंड की सलाह आपके लिए बेहतर है?

आइए इस लेख के माध्यम से इन प्रश्नों के उत्तर खोजते हैं और आपको एक सुरक्षित निवेश का मार्ग प्रदान करते हैं।

डायरेक्ट या रेगुलर म्यूचुअल फंड (Direct Ya Regular Mutual Fund)

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डायरेक्ट या रेगुलर म्यूचुअल फंड – कौन सा प्लान बेहतर है? (Direct Ya Regular Mutual Fund)

Direct vs Regular Mutual Fundआपके लिए कौन सा प्लान बेहतर है, यह आपके विशिष्ट परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

  • यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, और आपके पास निवेश का अनुभव है, तो डायरेक्ट प्लान आपके लिए बेहतर हो सकता है। इसका कारण यह है कि डायरेक्ट प्लान में, आपके निवेश पर कम खर्च होता है, जिसका मतलब है कि आपके पास अधिक रिटर्न की संभावना होती है।
  • यदि आपके पास निवेश का कोई अनुभव नहीं है, या आप कम राशि का निवेश कर रहे हैं, तो रेगुलर प्लान आपके लिए बेहतर हो सकता है। इसका कारण यह है कि रेगुलर प्लान में, आपको एक वित्तीय सलाहकार या ब्रोकर की सेवाओं के लिए भुगतान करना होता है, जो आपको निवेश के बारे में मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है।

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कुछ कारक हैं जो आपके निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं:

  • आपके निवेश लक्ष्य क्या हैं? यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो डायरेक्ट प्लान आपके लिए बेहतर हो सकता है। यदि आप कम अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो रेगुलर प्लान आपके लिए बेहतर हो सकता है।
  • आपके पास निवेश का कितना अनुभव है? यदि आपके पास निवेश का कोई अनुभव नहीं है, तो रेगुलर प्लान आपके लिए बेहतर हो सकता है। यदि आपके पास निवेश का अनुभव है, तो डायरेक्ट प्लान आपके लिए बेहतर हो सकता है।
  • आप कितनी राशि का निवेश कर रहे हैं? यदि आप कम राशि का निवेश कर रहे हैं, तो रेगुलर प्लान आपके लिए बेहतर हो सकता है। यदि आप बड़ी राशि का निवेश कर रहे हैं, तो डायरेक्ट प्लान आपके लिए बेहतर हो सकता है।

यदि आप अभी भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपके लिए कौन सा प्लान बेहतर है, तो आप एक वित्तीय सलाहकार से बात कर सकते हैं।

रेगुलर और डायरेक्ट प्लान में क्या अंतर है? Difference Between Direct Vs Regular Mutual Fund

निवेश करते समय डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड्स दो अहम विकल्प होते हैं, जिनका अध्ययन करना महत्वपूर्ण होता है। यह दोनों विकल्प निवेशकों के लिए अलग-अलग लाभ और विशेषताएं प्रदान करते हैं।

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स वे फंड्स होते हैं जिनमें निवेशक सीधे निवेश करते हैं। इसमें किसी डिस्ट्रीब्यूटर की शुल्क या कोमीशन नहीं होती, जिससे निवेशकों को अधिक निवेश की राशि मिलती है।

यह आमतौर पर उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं जिन्हें निवेशों की जानकारी होती है और जो स्वयं निवेश करने के लिए सामर्थ होते हैं।

  • डायरेक्ट प्लान में, निवेशक सीधे म्यूचुअल फंड कंपनी के साथ निवेश करते हैं।
  • इसमें निवेशकों को न्यूनतम खर्च का भुगतान करना होता है।
  • यहाँ पर निवेशकों को अधिक रिटर्न की संभावना होती है।

रेगुलर म्यूचुअल फंड्स

रेगुलर म्यूचुअल फंड्स उन निवेशकों के लिए होते हैं जो निवेश के बारे में कम जानकारी रखते हैं या उन्हें निवेश करने के लिए सलाह की आवश्यकता होती है।

इन फंड्स में निवेशक बैंकों, वित्तीय सलाहकारों, या डिस्ट्रीब्यूटर्स के माध्यम से निवेश करते हैं, जिन्हें निवेश करने के लिए कोमीशन दिया जाता है।

  • रेगुलर प्लान में, निवेशक एक वित्तीय सलाहकार या ब्रोकर के माध्यम से म्यूचुअल फंड कंपनी के साथ निवेश करते हैं।
  • इसमें निवेशकों को अधिक खर्च का भुगतान करना होता है, जिसमें सलाहकार का कमीशन शामिल होता है।
  • यहाँ पर निवेशकों को कम रिटर्न की संभावना होती है।

मुख्य अंतर

  • कोमीशन: डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में कोई कोमीशन नहीं होती, जबकि रेगुलर म्यूचुअल फंड्स में डिस्ट्रीब्यूटर्स को कोमीशन मिलता है।
  • खर्च: डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में आमतौर पर निवेश की लागत कम होती है जिससे निवेशकों को अधिक आवागमन होता है, जबकि रेगुलर म्यूचुअल फंड्स में कोमीशन के कारण खर्च अधिक होती है।
  • निवेशक साक्षरता: डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं जिन्हें निवेशों की अच्छी जानकारी होती है, जबकि रेगुलर म्यूचुअल फंड्स उनके लिए उपयुक्त होते हैं जो निवेश के बारे में कम जानते हैं या जिन्हें सलाह की आवश्यकता होती है।

इस प्रकार, डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड्स में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं जो आपके निवेश के चयन में मदद कर सकते हैं।

डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड्स के बीच के अंतर:

विशेषताडायरेक्ट म्यूचुअल फंडरेगुलर म्यूचुअल फंड
निवेश प्रक्रियासीधे म्यूचुअल फंड कंपनी के साथवित्तीय सलाहकार या ब्रोकर के माध्यम से
खर्चकमअधिक
रिटर्नअधिक संभावनाकम संभावना
नियंत्रणअधिककम
सेवाएंकमअधिक
सलाहउपलब्ध नहींउपलब्ध

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क्या रेगुलर म्यूचुअल फंड डायरेक्ट से बेहतर है? Is Regular Mutual Fund Better Than Direct?

“रेगुलर म्यूचुअल फंड डायरेक्ट से बेहतर है?” का उत्तर आपकी वित्तीय लक्ष्यों, जानकारी स्तर, और निवेश की प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा। दोनों विकल्पों में अपने लाभ और खर्च की खासियतें होती हैं, और इन्हें समझना महत्वपूर्ण है:

रेगुलर म्यूचुअल फंड:

  • यदि आपकी निवेश की साक्षरता (literacy) कम है और आप निवेश के बारे में कम जानते हैं, तो रेगुलर म्यूचुअल फंड्स का चयन करना आपके लिए बेहतर हो सकता है।
  • रेगुलर म्यूचुअल फंड्स में डिस्ट्रीब्यूटर की मार्गदर्शन मिलती है, जो निवेशकों को निवेश करने में मदद कर सकते हैं।
  • यदि आपके पास निवेश करने का समय नहीं है और आप चाहते हैं कि कोई विशेषज्ञ आपके निवेश की देखभाल करे, तो रेगुलर म्यूचुअल फंड्स विचारनीय हो सकते हैं।

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड:

  • यदि आपकी निवेश की साक्षरता (literacy) अच्छी है और आपके पास निवेश के बारे में अधिक जानकारी है, तो डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स विचारने में आ सकते हैं।
  • डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में कोई डिस्ट्रीब्यूटर की मार्गदर्शन नहीं होती, इससे आपके निवेश की लागत कम होती है और आपको अधिक निवेश की राशि मिल सकती है।
  • यदि आप खुद निवेश के प्रबंधन में सक्षम हैं और आपके पास समय है, तो डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स अच्छा विकल्प हो सकता है।

अंततः

  • डायरेक्ट प्लान में, आपके पास अधिक नियंत्रण होता है। आप अपनी पसंद के फंड का चयन कर सकते हैं और आपके निवेश को कैसे प्रबंधित किया जाता है, इसकी अधिक निगरानी कर सकते हैं।
  • रेगुलर प्लान में, आपको एक वित्तीय सलाहकार या ब्रोकर द्वारा मार्गदर्शन और सहायता प्राप्त होती है। यह विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है यदि आपके पास निवेश का कोई अनुभव नहीं है या आप अपने निवेश लक्ष्यों को प्राप्त करने के बारे में अनिश्चित हैं।

आपके लिए कौन सा प्लान बेहतर है, यह आप पर निर्भर करता है। अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों और आवश्यकताओं पर विचार करें और फिर एक निर्णय लें।

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भारत में बिना ब्रोकर के सीधे म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें? How To Invest In Mutual Funds Without Brokers?

भारत में बिना ब्रोकर के सीधे म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें

भारत में बिना ब्रोकर के सीधे म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए, आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

  1. निवेश प्लेटफ़ॉर्म चुनें: कई ऑनलाइन निवेश प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध हैं जो आपको बिना ब्रोकर के सीधे म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सुविधा प्रदान करते हैं। आपको कुछ प्लेटफ़ॉर्म जैसे कि Groww, Upstox, Coin by Zerodha, Paytm Money, आदि की तलाश कर सकते हैं।
  2. म्यूचुअल फंड योजना का चयन करें: प्रत्येक म्यूचुअल फंड कंपनी कई योजनाएं प्रदान करती है, इसलिए एक योजना का चयन करें जो आपके जोखिम प्रोफ़ाइल और निवेश लक्ष्यों के अनुरूप हो।
  3. अपने KYC दस्तावेज अपलोड करें: आपको अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य पहचान प्रमाण अपलोड करने होंगे।
  4. अपने निवेश की राशि जमा करें: आप बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का उपयोग करके अपनी निवेश की राशि जमा कर सकते हैं।
  5. अपने बैंक खाते को लिंक करें: निवेश करने के लिए, आपको अपने बैंक खाते को अपने निवेश प्लेटफ़ॉर्म पर लिंक करना होगा। या तो क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का उपयोग करके अपनी निवेश की राशि जमा कर सकते हैं।
  6. म्यूचुअल फंड चुनें: प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध म्यूचुअल फंड में से आपके लक्ष्यों और रिस्क टोलरेंस के अनुसार म्यूचुअल फंड का चयन करें।
  7. निवेश राशि और तरीका चुनें: आपको निवेश करने की राशि और निवेश करने की तरीका चुनने की आवश्यकता होगी। आप Lump Sum कर सकते हैं या SIP (Systematic Investment Plan) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
  8. निवेश प्रक्रिया पूरी करें: चयनित म्यूचुअल फंड में निवेश करने की प्रक्रिया को पूरा करें। आपको अपने खाते से पैसे की राशि का निवेश किया जाएगा।
  9. निवेश की ट्रैकिंग रखें: निवेश करने के बाद आपको अपने निवेश की प्रगति की ट्रैकिंग रखनी चाहिए। आप अपने निवेश प्लेटफ़ॉर्म पर लॉग इन करके अपने पोर्टफोलियो की स्थिति जान सकते हैं।

एक बार जब आप इन चरणों को पूरा कर लेते हैं, तो आपका निवेश पूरा हो जाएगा।

सीधे म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के बाद उपयुक्त निवेश प्लेटफ़ॉर्म का चयन करना होगा। ध्यान दें कि निवेश में रिस्क हो सकता है, इसलिए आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों और रिस्क टोलरेंस के आधार पर निवेश करना चाहिए।

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रेगुलर म्यूचुअल फंड क्यों नहीं चुनना चाहिए?

रेगुलर म्यूचुअल फंड और डायरेक्ट म्यूचुअल फंड के बीच मुख्य अंतर शुल्क है। रेगुलर म्यूचुअल फंड में आमतौर पर डायरेक्ट म्यूचुअल फंड की तुलना में अधिक शुल्क होता है। यह शुल्क दो भागों में आता है:

  • एजेंसी शुल्क: यह शुल्क वित्तीय सलाहकार या ब्रोकर को भुगतान किया जाता है जो आपको फंड में निवेश करने में मदद करता है।
  • ब्रोकरेज शुल्क: यह शुल्क म्यूचुअल फंड कंपनी को भुगतान किया जाता है।

कुछ कारण हैं कि क्यों रेगुलर म्यूचुअल फंड चुनना फायदेमंद नहीं हो सकता है:

  • कम रिटर्न: रेगुलर म्यूचुअल फंड में अधिक शुल्क होता है, जिसका अर्थ है कि आपके पास अपने निवेश से कम रिटर्न की संभावना है।
  • अधिक जटिल: रेगुलर म्यूचुअल फंड में एजेंसी शुल्क और ब्रोकरेज शुल्क दोनों होते हैं। यह समझना मुश्किल हो सकता है कि आपके निवेश से कुल कितना शुल्क काटा जा रहा है।
  • कम नियंत्रण: रेगुलर म्यूचुअल फंड में, आप अपने निवेश को कैसे प्रबंधित किया जाता है, इस पर कम नियंत्रण रखते हैं। वित्तीय सलाहकार या ब्रोकर आपके निवेश को कैसे प्रबंधित करता है, यह तय करता है।

यदि आप अपने निवेश से अधिक रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं, तो डायरेक्ट म्यूचुअल फंड चुनना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में कम शुल्क होता है, जिसका अर्थ है कि आपके पास अपने निवेश से अधिक रिटर्न की संभावना है। इसके अतिरिक्त, डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में अधिक नियंत्रण होता है, जिसका अर्थ है कि आप अपने निवेश को कैसे प्रबंधित किया जाता है, इस पर अधिक नियंत्रण रखते हैं।

हालांकि, रेगुलर म्यूचुअल फंड चुनने के कुछ फायदे भी हो सकते हैं। यदि आपके पास निवेश का कोई अनुभव नहीं है, तो एक वित्तीय सलाहकार या ब्रोकर से मदद लेना महत्वपूर्ण हो सकता है।

रेगुलर म्यूचुअल फंड में, वित्तीय सलाहकार या ब्रोकर आपके निवेश लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, रेगुलर म्यूचुअल फंड में कम न्यूनतम निवेश राशि हो सकती है, जो उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जिनके पास निवेश करने के लिए सीमित धन होता है।

अंततः, आपके लिए कौन सा निवेश विकल्प बेहतर है, यह आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों और आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। यदि आप अपने निवेश के बारे में आत्मविश्वास महसूस करते हैं और कम लागत वाले विकल्प की तलाश कर रहे हैं, तो डायरेक्ट म्यूचुअल फंड चुनना एक अच्छा विचार हो सकता है।

यदि आपके पास निवेश का कोई अनुभव नहीं है या आपके पास निवेश करने के लिए सीमित धन है, तो रेगुलर म्यूचुअल फंड चुनना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

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रेगुलर फंड को डायरेक्ट फंड में कैसे बदलें? (Regular Fund Ko Direct Me Kaise Badle)

आप म्यूचुअल फंड में रेगुलर फंड को डायरेक्ट फंड में बदलने के लिए अपने म्यूचुअल फंड की website या App पर जाकर लॉगिन (login) करें। वहाँ पर आपको “स्विच (Switch)” का ऑप्शन मिलेगा। स्विच के माध्यम से आप अपने मौजूदा निवेश को रेगुलर से डायरेक्ट में स्विच कर सकते हैं।

मौजूदा निवेश को रेगुलर से डायरेक्ट में स्विच करने के लिए आपको विशेष निवेश प्लेटफ़ॉर्म के जरिए निम्नलिखित कदमों का पालन करना होगा:

  1. लॉग इन: सबसे पहले, आपको उस निवेश प्लेटफ़ॉर्म पर लॉग इन करना होगा जिस पर आपने मौजूदा रेगुलर म्यूचुअल फंड का निवेश किया है। जैसे Groww, Upstox, Coin by Zerodha, Paytm Money, आदि।
  2. पोर्टफोलियो देखें: लॉग इन करने के बाद, आपको अपने पोर्टफोलियो को देखने का विकल्प मिलेगा।
  3. स्विचिंग विकल्प चुनें: पोर्टफोलियो में, आपको उस निवेश के नाम के साथ “स्विच” या “ट्रांसफर” जैसा विकल्प मिलेगा जिसे आपको चुनना होगा।
  4. नए डायरेक्ट प्लान चुनें: आपको स्विचिंग प्रक्रिया में, विचारित नए डायरेक्ट प्लान को चुनने के लिए कहा जाएगा।
  5. निवेशक जानकारी भरें: आपको अपनी निवेशक जानकारी, पैन कार्ड नंबर, आदि की जानकारी देनी होगी, जो नए प्लान के लिए आवश्यक हो सकती है।
  6. स्विचिंग आवश्यकता फॉर्म भरें: कुछ प्लेटफ़ॉर्म पर, आपको स्विचिंग के लिए आवश्यकता फॉर्म भरने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें आपको मौजूदा निवेश के बारे में जानकारी और स्विचिंग डिटेल्स देने की आवश्यकता हो सकती है।
  7. प्रक्रिया पूरी करें: आपके प्रदान किए गए जानकारी के आधार पर, निवेश प्लेटफ़ॉर्म आपके लिए स्विचिंग प्रक्रिया को पूरा करेगा।
  8. नवीनीकरण पुष्टि करें: स्विचिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आपको एक पुष्टि मैसेज मिलेगा जिसमें आपकी स्विचिंग प्रक्रिया की पुष्टि की जाएगी।

कृपया ध्यान दें कि यह प्रक्रिया प्लेटफ़ॉर्म के निर्देशानुसार बदल सकती है और आपको प्लेटफ़ॉर्म की वेबसाइट या ऐप से सही जानकारी प्राप्त करना चाहिए।

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निष्कर्ष (Conclusion) – डायरेक्ट या रेगुलर म्यूचुअल फंड – कौन सा प्लान बेहतर है?

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स प्लान रेगुलर प्लान से बेहतर हो सकता है। डायरेक्ट प्लान में कम खर्च, अधिक निवेश की स्वतंत्रता, और अधिक लाभ की संभावना होती है, क्योंकि इसमें डिस्ट्रीब्यूटर्स को कोमीशन नहीं मिलता। यदि आपकी निवेश समझदारी से की जाती है, तो डायरेक्ट प्लान का चयन करना बेहतर हो सकता है।

अंततः, आपके लिए कौन सा प्लान बेहतर है, यह आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों और आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। यदि आप अपने निवेश से अधिक रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं और अधिक नियंत्रण चाहते हैं, तो डायरेक्ट फंड चुनना एक अच्छा विचार हो सकता है। यदि आपके पास निवेश का कोई अनुभव नहीं है या आपके पास निवेश करने के लिए सीमित धन है, तो रेगुलर फंड चुनना एक अच्छा विचार हो सकता है।

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FAQs (सामान्य प्रश्न उत्तर) – Direct Ya Regular Mutual Fund – Kaunsa Chune?

  1. डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं?

    डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स वे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जिनमें निवेशक सीधे निवेश करते हैं, अर्थात् उनका निवेश एम्स और एम्स के एसेट मैनेजर्स के माध्यम से नहीं होता।

  2. रेगुलर म्यूचुअल फंड्स क्या होते हैं?

    रेगुलर म्यूचुअल फंड्स वे म्यूचुअल फंड्स होते हैं जिनमें निवेशक बैंकों, वित्तीय सलाहकारों या डिस्ट्रीब्यूटर्स के माध्यम से निवेश करते हैं और उन्हें निवेश करने के लिए कोमीशन दिया जाता है।

  3. डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स के क्या लाभ होते हैं?

    डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में कोई डिस्ट्रीब्यूटर की कमीशन नहीं होती, जिससे निवेशकों को अधिक निवेश की राशि मिलती है। ये आमतौर पर रेगुलर फंड्स से कम खर्च पर निवेश करने का मौका प्रदान करते हैं।

  4. रेगुलर म्यूचुअल फंड्स किस प्रकार के निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं?

    रेगुलर म्यूचुअल फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं जो निवेश के बारे में थोड़ी कम जानकारी रखते हैं और जिन्हें निवेश करने में मदद की आवश्यकता होती है।

  5. डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में क्या अंतर है?

    डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में निवेश करने के तरीके में अंतर होता है। डायरेक्ट प्लान में निवेशक सीधे म्यूचुअल फंड कंपनी के साथ अनुबंध करते हैं, जबकि रेगुलर प्लान में निवेशक एक वित्तीय सलाहकार या ब्रोकर के माध्यम से म्यूचुअल फंड कंपनी के साथ अनुबंध करते हैं।

  6. डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में से कौन सा बेहतर है?

    यह आपके विशिष्ट परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं और आपके पास निवेश का अनुभव है, तो डायरेक्ट प्लान में निवेश करना बेहतर है क्योंकि इससे आपको अधिक रिटर्न मिल सकता है। यदि आपके पास निवेश का कोई अनुभव नहीं है या आप कम राशि का निवेश कर रहे हैं, तो रेगुलर प्लान में निवेश करना बेहतर हो सकता है।

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